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मरूधराधीस महाराजा गजसिंह जोधपुर रा सानिध्य में टापरवाड़ा गांव में मनीजसी मारवाड़ महोत्सव

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धोरां धरती सौवणी,जबरो गढ़ जोधान। सती जती अर सूरमा,केसर बरणी शान।। परबतसर तेसिल रा छोटासा गांव टापरवाड़ा में तारीख 27 मार्च 2024 नै उगैला दोय सुरजी। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ मारवाड़ रा छोटासा गांव टापरवाड़ा में तारीख 27 मार्च 2024 रै दिन मरुधराधीस  हिज हाईनेस महाराजा गजसिंह जी जोधपुर पधारैला। इण औसर माथै मारवाड़ री सगळी पिरजा घणा लाडां कोडां सूं बाबजी हुकुम री लाम्बी उमर सारु इमरत उछ्छब रै रूप में 'मारवाड़ महोत्सव' मनावैला। इणीज दिन परबतसर तेसिल रा राजपूतां रो स्नेह मिलन समारोह भी टापरवाड़ा में तैवड़ीज्यो है।  इण कार्यक्रम रा संयोजक श्री विक्रमसिंह टापरवाड़ा है। ओ कार्यक्रम श्री चारभुजा सेवा समिति परबतसर रा सौजन्य सूं हुवैला। कार्यक्रम में बाबजी हुकुम री लाम्बी उमर सारू गायत्री शक्तिपीठ, पुष्कर, श्री समतारामजी महाराज, नांद गौशाला,अजमेर दरगाह रा दिवान ज़नाब जैनुअल़ आबैदीन साहेब, पुष्कर गुरूद्वारा रा ग्रंथी जी संत सुखविंद्रसिंह जी अर निर्भयपुरी आश्रम रा श्री शंकरपुरी जी महाराज पीलवा,रै सानिध्य में गायत्री जिग्य हुवैला। इणरै सागै इज इण कार्यक्रम रा ख़ास पावणा श्री मानसिंह जी

मायड़भाषा राजस्थानी रै 24 साहित्यकारां रो हुयो सनमान

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मायड़भाषा राजस्थानी रै 24 साहित्यकारां रो हुयो सनमान ●51000 रो रूपचंद समदड़िया राजस्थानी विशेष सेवा शिखर सम्मान डॉ. देव कोठारी उदयपुर नैं ●दर्जन भर पोथियां रो हुयो विमोचन ●मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने  भेजा शुभकामना संदेश ●राजस्थानी मान्यता री मांग मोट्यार पीढ़ी री रोजी-रोटी सारू है - प्रो. अर्जुन देव चारण नागौरः ‘‘आपणी मायड़भाषा राजस्थानी आपणी ओळखाण रो आदू आधार है। इण भाषा री कमजोरी रो मतलब है मिनखाचारै री हाण। जे मिनखपणो बचावणो है तो मायड़भाषा नैं  बचावणी।" ऐ वाल्हा विचार अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति अर नेम प्रकाशन, डेह री भेळप में रविवार नैं ‘डेह’ में आयोजित ’साहित्यकार सम्मान महाच्छब’ रा सिरै पावणा अर दिल्ली में राजस्थानी परामर्श मंडल रा संयोजक प्रो. अर्जुनदेव चारण व्यक्त किया। प्रो. चारण बतायो कै राजस्थानी मान्यता री मांग में साहित्यकारां रो कोई लोभ-लालच नीं है वरन आ माँग राजस्थान रै आम घरां रै टाबरां री रोजी-रोटी सारू है। आम जन रो भलो चावो तो राजस्थानी मान्यता री माँग नैं जन आंदोलन बणाओ।   कार्यक्रम री सफलता सारू प्रदेश रा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुभकाम

राजस्थानी साहित्यकारों के भव्य आयोजन में नागौर के साहित्यकार भवानीसिंघ भावुक हुए सम्मानित

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प् राजस्थानी साहित्यकारों के भव्य आयोजन में नागौर के साहित्यकार भवानीसिंघ भावुक हुए सम्मानित ● मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस आयोजन की सफलता हेतु भेजा बधाई संदेश। ●साहित्य साधना से गांव का नाम रोशन किया कवि साहित्यकार भवानीसिंघ राठौड़ 'भावुक' ने-विक्रम टापरवाड़ा नागौरः25 जून। परबतसर तहसील के छोटे से गांव टापरवाड़ा गांव के किसान और धर्म तथा संस्कृति के संरक्षक,समाजसेवी  सरलमना प्रथम साहित्यकार भवानीसिंह राठौड़ 'भावुक' की राजस्थानी काव्य कृति 'बिणजारा री बेलड़ी' को अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा नेम प्रकाशन डेह के सौजन्य से आयोजित भव्य कार्यक्रम में राजस्थानी भाषा के 24 साहित्यकारों के साथ 'श्री मोहनलाल टोगसिया स्मृति राजस्थानी पैली पोथी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। जिसमें शाल,श्रीफल,सम्मान पत्र तथा 11000 रुपये नकद राशी प्रदान की गई। पर्यावरण प्रेमी तथा समाजसेवी विक्रमसिंह टापरवाड़ा ने बताया कि यह हमारे गांव के लिए हर्ष और गौरव का समाचार है।कवि भवानीसिंह राठौड़ सादा जीवन उच्च विचारों के संवाहक है।तथा उनको मिलने वाले  इस पुरस्कार

मरुधरा री माटी री महक

  राजस्थान री माटी री सौरम इज न्यारी हैं ,इनरा कण कण मे सगती अर भगती रा जस रा गीत गूंजे .अठे रा गीतां री बानगी ने अन्वेरण रो मोटा काम  रो बीडो मरुवीना उठायो है ,म्हारो फर्ज बने के म्हे आप तक आं गीतां ने पुगावा .